मोटा अनाज स्वास्थ्य का खजाना


मोटे अनाजों में 8 अनाजों को जोड़ा गया है। जिसमें बाजरा, ज्वार, रागी, कंगनी, कुटकी, कोदो, सवां और चीना शामिल है।

मोटे अनाजों में 8 अनाजों को जोड़ा गया है। जिसमें बाजरा, ज्वार, रागी, कंगनी, कुटकी, कोदो, सवां और चीना शामिल है।

बाजरा सबसे ताकतवर अनाज है। मोटे अनाज में फिस्टिक Phytic एसिड होता है जो एंटी न्यूट्रीएंट होता है। यह शरीर में बाकी पोषक तत्वों को अवशोषित नहीं होने देता। इसके असर को कम करने के लिए मोटे अनाज को हमेषा भिगोकर या अंकुरित करके खाना चाहिए। मोटे अनाज के साथ सब्जियॉ खानी चाहिए।

मोटा अनाज को चमत्कारी एवं भविष्य की फसल कहा जाता है। मोटे अनाज वे अनाज है जिनके उत्पादन में अधिक लागत एवं अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ती है।

भारत का सर्वाधिक अनाज उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश है। 2022-23 में उत्तर प्रदेष ने कुल 220.5 मिलियन टन खाद्यान्न का उत्पादन किया जो कि देष के कुल उत्पादन का 37.4 प्रतिशत है।

वैसे तो भारत में मोटे अनाज की 13 किस्में उपलब्ध है। लेकिन अंतर्राष्ट्रीय वर्ष 2023 के अंतर्गत आठ अनाजों ज्वार, बाजरा, रागी, कंगनी, कुटकी, कोदो, सवां चीना को मोटे अनाजों में शामिल किया गया है। 

श्री अन्न को अनाजों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। मोटे अनाजों को भारतीय संस्कृति एवं परंपरा से जोड़ते हुए नई पहल की शुरुआत हुई है इसलिए मोटे अनाज कि इस पहल को श्री अन्न कहा गया है। एशिया और अफ्रीका में लगभग 59 करोड लोगों के लिए यह पारंपरिक भोजन है।मोटे अनाज का उत्पादन हर तरह की भूमि में संभव होता है। इसके प्रभाव उत्पादन में कम पानी की आवश्यकता होती है तथा उनके उत्पादन में कम समय और कम लागत कम मेहनत लगती है। 60 से 100 दिनों के बीच फसल तैयार हो जाती है इनके उत्पादन में उर्वरक और कीटनाशकों का काम प्रयोग होता है।

भारत दुनिया में मोटे अनाजों का सबसे बड़ा उत्पादक देश बनने की स्थिति में है। देश की विभिन्न राज्यों में लोगों के व्यंजन सूची में मोटे अनाज को लाने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किया जा रहे हैं, सरकार पोषण सुरक्षा प्राप्त करने के लिए मिशन स्तर पर रागी और ज्वार जैसे मोटे अनाजों की खेती को प्रोत्साहित कर रही है।

सरकार द्वारा मोटे पोषण अनाजों को समर्थन मूल्य पर खरीदा जा रहा है और इसे मध्याह्न भोजन योजना एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत शामिल किया जा रहा है। मोटे अनाजों और पोषण एवं स्वास्थ्य संबंधी लाभों पर ग्रामीण और शहरी लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए भी प्रयास किया जा रहा है।

6/3/2024 1:46:05 PM Book Publications 63 Views


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