भारत में समय के अनुसार सामाजिक कुरीतियां एवं सामाजिक समस्याएं विभिन्न ऐतिहासिक कालों में बदलती रहीं है। बड़ी सामाजिक समस्याएं प्रत्येक काल में विद्यमान सामाजिक प्रतिमानों और मूल्यों का वर्णन करती है। सामाजिक समस्याएं समाज की स्थिरता के लिए खतरा होती हैं यदि सामाजिक समस्याओं के कारण का पता लग जाए तो सामाजिक समस्याओं का समाधान ढूंढा जा सकता है प्राय सामाजिक समस्याओं के अनेक कारण होते हैं फिर भी मुख्य कारण के सही विश्लेषण में से सामाजिक समस्या के उत्पन्न होने और बढ़ाने में सहायक कारकों एवं छोटे-छोटे कारकों की पहचान की जा सकती है। सामाजिक समस्याओं को समझने और उसका निर्णय करने के बाद सामाजिक प्रतिक्रिया रचनात्मक होनी चाहिए ताकि प्रभावशाली कार्यवाही की जा सके।
इस पुस्तक में प्रमुख सामाजिक कुरीतियों एवं समस्याओं का जो वर्तमान समय में विद्यमान है उनका उल्लेख किया गया है साथ ही इन कुरीतियों और समस्याओं के उन्मूलन के लिए शासकीय एवं अशासकीय प्रयासों का वर्णन किया गया है।
इस पुस्तक के लेखन का मुख्य उद्देश्य विभिन्न सामाजिक कुरीतियों एवं समस्याओं के प्रति जनसाधारण को जागरूक करके उनके उन्मूलन हेतु प्रेरित करना है साथ ही इन समस्याओं एवं कुरीतियों को दूर करने हेतु कानून की जानकारी भी देना है।
यह पुस्तक विद्यार्थियों और शोधार्थियों के लिए उपयोगी सिद्ध होगी जो इस क्षेत्र में अनुसंधानरत हैं।
इस पुस्तक की सार्थकता और उपयोगिता इस तथ्य में निहित है कि समाज में कुरीतियों के प्रति संवेदनाएं विकसित हो।