उद्यमी आधुनिक युग की आधारशिला है क्योंकि वह
समाज की संरचना का महत्वपूर्ण आधार है। महिला उद्यमिता आज के युग में सबसे बड़ी
महत्वपूर्ण एवं क्रांतिकारी घटना है वास्तव में आज महिला ने उद्यमिता को अपने
व्यवसाय के रूप में एक नया क्षेत्र विकसित किया है महिलाएं एक मूल्यवान मानव
संसाधन है और उनका योगदान सामाजिक एवं आर्थिक विकास की स्थायी वृद्धि के लिए
अनिवार्य है।
महिला उद्यमी का आशय महिला जनसंख्या के उसे भाग
से है जो उद्यमिता क्रियाओं में संलग्न है उद्यमिता महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने
एवं स्वतंत्रता से कार्य करने में सहायक हैं। उद्यमिता के विकास में महिलाओं का भी
महत्वपूर्ण होने के बावजूद भी उन्हें अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है जो की
महिला उद्यमी के विकास में एक प्रमुख बाधा है।
महिलाएं सूक्ष्म उत्पादन से वृहद उत्पादन
क्षेत्र में तेजी से प्रवेश कर रही है एवं उत्पादन वृद्धि में रोजगार सृजन के
माध्यम से देश के आर्थिक विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। उद्यम करने वाली
महिलाओं को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता। आज पूरे विश्व में उद्यमिता विशेष कर
महिला उद्यमिता को सामाजिक संदर्भ में विकास के लिए एक आवश्यक घटक के रूप में
स्वीकार किया जा चुका है।
आज उद्यमिता में महिलाओं के योगदान को देखकर
लगता है कि महिलाओं ने गृहणी के रूप में से बाहर निकाल कर अपनी एक अलग पहचान बनाई
है। सरकार बैंक स्टार्टअप इंडिया, महिलाओं के लिए
मुद्रा योजना, अन्नपूर्णा योजना, महिला उद्यम के लिए स्त्री शक्ति पैकेज, भारतीय महिला बैंक व्यवसाय लोन महिला उद्यमी
निधि योजना आदि जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से महिलाओं को वित्तीय सहायता एवं
व्यवसाय संचालन में आने वाली समस्याओं का निराकरण करना भी आवश्यक है। भारत में कई
महिला उद्यमी हैं जो सफल तरीके से अपने-अपने उद्यम चला रही है।